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ठग लाइफ मूवी रिव्यू: कमल हासन और मणिरत्नम का ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’

ठग लाइफ

कमल हासन और मणिरत्नम की जोड़ी 38 साल बाद ‘ठग लाइफ’ के साथ फिर से एक साथ आई है, जिसने दर्शकों की अपेक्षाओं को आसमान छूने का मौका दिया। उनकी पिछली फिल्म ‘नायकन’ (1987) को भारतीय सिनेमा का एक मील का पत्थर माना जाता है, और इसीलिए ‘ठग लाइफ’ को लेकर उत्साह अपने चरम पर था। लेकिन क्या यह गैंगस्टर ड्रामा उन अपेक्षाओं पर खरा उतरता है, या यह एक सिनेमाई धैर्य परीक्षा बनकर रह जाता है? आइए, इसकी कहानी, प्रदर्शन, और तकनीकी पहलुओं पर गहराई से नजर डालते हैं।

कहानी: एक गैंगस्टर की दुनिया में विश्वासघात और बदला

‘ठग लाइफ’ एक तमिल गैंगस्टर एक्शन ड्रामा है, जो रंगराया सख्तिवेल नायकर (कमल हासन) के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी 1984 के दिल्ली में शुरू होती है, जहां सख्तिवेल, एक माफिया सरगना, एक पुलिस मुठभेड़ के दौरान एक युवा लड़के अमर (सिलंबरासन टीआर) को बचाता है और उसे अपने परिवार की तरह पालता है। सालों बाद, अमर उसका दाहिना हाथ बन जाता है, लेकिन सत्ता और विश्वासघात की जंग में दोनों के रिश्ते में दरार आ जाती है। कहानी में विश्वास, बदला, और परिवार जैसे थीम्स को मणिरत्नम ने अपने अंदाज में पेश करने की कोशिश की है।

हालांकि, स्क्रिप्ट में कई जगह कमजोरियां नजर आती हैं। पहले हाफ में कहानी का निर्माण आकर्षक है, लेकिन दूसरा हाफ धीमा और अनुमानित हो जाता है। कई सब-प्लॉट्स, जैसे सख्तिवेल की प्रेम कहानी और अमर की बहन की तलाश, अधूरे से लगते हैं, जो दर्शकों को निराश कर सकते हैं।

प्रदर्शन: कमल हासन और सिलंबरासन की जुगलबंदी

कमल हासन एक बार फिर अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। सख्तिवेल के किरदार में उनकी गहराई और ताकत स्पष्ट दिखती है, खासकर भावनात्मक दृश्यों में। सिलंबरासन टीआर ने भी अमर के रूप में शानदार प्रदर्शन किया है, खासकर क्लाइमेक्स के एक्शन सीन्स में। तृषा कृष्णन और अभिरामी जैसे किरदारों को स्क्रिप्ट में ज्यादा मौका नहीं मिला, जिससे उनकी प्रतिभा पूरी तरह सामने नहीं आ पाई। नासर, जोजू जॉर्ज, और अशोक सेलवन ने अपने छोटे-छोटे किरदारों में अच्छा काम किया, लेकिन स्क्रिप्ट की कमजोरी ने उनके प्रभाव को सीमित कर दिया।

मणिरत्नम का निर्देशन: शैली और कमजोरियां

मणिरत्नम की निर्देशकीय शैली ‘ठग लाइफ’ में अपनी चमक दिखाती है, खासकर शुरुआती दृश्यों में। फिल्म का ब्लैक-एंड-व्हाइट सिनेमैटोग्राफी और दिल्ली की अंडरवर्ल्ड सेटिंग दर्शकों को बांधे रखती है। लेकिन कहानी का ढांचा और धीमी गति, खासकर दूसरे हाफ में, इसे एक थकाऊ अनुभव बनाती है। मणिरत्नम की खासियत, जो किरदारों की गहराई और भावनात्मक कहानी में निहित है, इस बार पूरी तरह उभरकर सामने नहीं आती।

तकनीकी पहलू: रवि के. चंद्रन और एआर रहमान की जादूगरी

फिल्म की सिनेमैटोग्राफी रवि के. चंद्रन ने संभाली है, और यह ‘ठग लाइफ’ का सबसे मजबूत पक्ष है। हर फ्रेम में उनकी कला दिखती है, चाहे वह दिल्ली की गलियां हों या एक्शन सीक्वेंस। एआर रहमान का संगीत भी फिल्म को एक अलग स्तर पर ले जाता है। ‘जिंगुचा’ और ‘मुत्था मझाई’ जैसे गाने पहले ही हिट हो चुके हैं, और बैकग्राउंड स्कोर दृश्यों को और प्रभावशाली बनाता है। हालांकि, कुछ दर्शकों का मानना है कि बैकग्राउंड स्कोर कहानी के साथ पूरी तरह तालमेल नहीं बिठा पाया।

क्या है खास?

  • कमल हासन और सिलंबरासन का प्रदर्शन: दोनों की केमिस्ट्री और अभिनय फिल्म का मुख्य आकर्षण है।
  • तकनीकी उत्कृष्टता: रवि के. चंद्रन की सिनेमैटोग्राफी और एआर रहमान का संगीत फिल्म को देखने लायक बनाते हैं।
  • मणिरत्नम की शैली: शुरुआती दृश्यों में उनकी कहानी कहने की कला प्रशंसनीय है।

कमियां क्या हैं?

  • कहानी में कमी: दूसरा हाफ धीमा और अनुमानित है, जो दर्शकों का धैर्य परखता है।
  • किरदारों का कमजोर विकास: तृषा और अभिरामी जैसे किरदारों को स्क्रिप्ट में ज्यादा महत्व नहीं मिला।
  • लंबी अवधि: 2 घंटे 45 मिनट की अवधि कुछ दर्शकों के लिए थकाऊ हो सकती है।

क्या यह ‘नायकन’ की बराबरी करता है?

‘नायकन’ की तरह ‘ठग लाइफ’ में भी एक गैंगस्टर की जिंदगी को दिखाया गया है, लेकिन यह उस भावनात्मक गहराई और कहानी की ताकत को हासिल नहीं कर पाता। जहां ‘नायकन’ ने एक किरदार के उत्थान और पतन को मार्मिक ढंग से दिखाया, वहीं ‘ठग लाइफ’ में कई सब-प्लॉट्स अधूरे रह जाते हैं। फिर भी, कमल हासन और मणिरत्नम के प्रशंसकों के लिए यह एक देखने लायक अनुभव है।

क्या आपको ‘ठग लाइफ’ देखनी चाहिए?

अगर आप कमल हासन और मणिरत्नम के प्रशंसक हैं, तो ‘ठग लाइफ’ आपके लिए एक जरूरी सिनेमाई अनुभव है। यह फिल्म अपने दृश्यों, संगीत, और अभिनय के लिए देखी जा सकती है, लेकिन अगर आप एक तार्किक और भावनात्मक रूप से गहरी कहानी की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह आपको निराश कर सकती है। यह एक ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ जैसा सिनेमाई अनुभव है, जो अपनी महत्वाकांक्षा और खामियों के साथ आता है।

रेटिंग: 3/5

‘ठग लाइफ’ एक महत्वाकांक्षी प्रयास है, जो अपनी तकनीकी चमक और अभिनय से प्रभावित करता है, लेकिन कहानी और गति की कमियों के कारण यह पूर्ण रूप से यादगार नहीं बन पाता।

क्या आपने ‘ठग लाइफ’ देखी? अपने विचार कमेंट्स में साझा करें और हमारे ब्लॉग को फॉलो करें ताजा मूवी रिव्यू और सिनेमा से जुड़ी खबरों के लिए!

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