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Neem Karoli Baba’s Story and Miracles: नीम करोली बाबा की कहानी और उनके चमत्कार – एक आध्यात्मिक यात्रा

परिचय: नीम करोली बाबा कौन थे?

नीम करोली बाबा, जिनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था, का जन्म 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गाँव में एक संपन्न ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनमें आध्यात्मिक झुकाव था। मात्र 11 वर्ष की आयु में उनके माता-पिता ने उनकी शादी कर दी, लेकिन सांसारिक जीवन में उनका मन नहीं लगा। उन्होंने घर छोड़कर साधु बनने का फैसला किया और देश भर में भटकते हुए आध्यात्मिक साधना में लीन हो गए। बाद में अपने पिता के अनुरोध पर वह घर लौटे और वैवाहिक जीवन जिया, जहाँ उनके दो बेटे और एक बेटी हुई।

नीम करोली बाबा को उनके भक्त हनुमानजी का अवतार मानते थे। उनकी सादगी और प्रेमपूर्ण स्वभाव ने उन्हें देश-विदेश में प्रसिद्धि दिलाई। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम उनका सबसे प्रसिद्ध आश्रम है, जो आज भी भक्तों के लिए तीर्थस्थल है। उनकी शिक्षाएँ और चमत्कार आज भी लोगों को आध्यात्मिकता और प्रेम की राह पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

नीम करोली बाबा का नाम कैसे पड़ा?

नीम करोली बाबा का नाम एक चमत्कारिक घटना से जुड़ा है। एक बार वह ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहे थे। जब टिकट चेकर ने उनसे टिकट माँगा, तो उनके पास टिकट नहीं था। टिकट चेकर ने उन्हें फर्रुखाबाद के पास नीब करोरी स्टेशन (जो बाद में नीम करोली कहलाया) पर उतार दिया। बाबा स्टेशन के पास बैठ गए और अपना चिमटा जमीन में गाड़कर तपस्या करने लगे। अधिकारियों ने ट्रेन को चलाने की कोशिश की, लेकिन ट्रेन एक इंच भी नहीं हिली। कई प्रयासों के बाद जब ट्रेन नहीं चली, तो एक स्थानीय मजिस्ट्रेट, जो बाबा को जानता था, ने अधिकारियों को सलाह दी कि वे बाबा से माफी माँगें और उन्हें सम्मानपूर्वक ट्रेन में बिठाएँ। जैसे ही बाबा ट्रेन में बैठे, ट्रेन चल पड़ी। इस घटना के बाद से उन्हें नीम करोली बाबा के नाम से जाना गया।

बाबा ने शर्त रखी कि उस स्थान पर एक रेलवे स्टेशन बनाया जाए, ताकि स्थानीय लोगों को यात्रा में सुविधा हो। उनकी शर्त मान ली गई, और वहाँ नीम करोली स्टेशन बनाया गया। यह चमत्कार उनकी आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक बन गया।

नीम करोली बाबा के प्रमुख चमत्कार

नीम करोली बाबा के चमत्कारों की कहानियाँ देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। यहाँ कुछ प्रमुख चमत्कारों का उल्लेख है जो उनके भक्तों के बीच प्रचलित हैं:

1. बुलेटप्रूफ कंबल की कहानी

1943 की एक घटना में, नीम करोली बाबा फतेहगढ़ में एक बुजुर्ग दंपत्ति के घर रुके। उनका बेटा ब्रिटिश सेना में था और द्वितीय विश्व युद्ध में बर्मा फ्रंट पर तैनात था। उस रात बाबा ने दंपत्ति से कहा कि वे उनके कंबल को नदी में बहा दें। दंपत्ति ने ऐसा ही किया, हालाँकि उन्हें कंबल में कुछ भारी सामान होने का अहसास हुआ। कुछ समय बाद उनका बेटा सकुशल घर लौटा और उसने बताया कि एक रात वह जापानी सेना की गोलीबारी में फँस गया था। उसके सभी साथी मारे गए, लेकिन वह चमत्कारिक रूप से बच गया। भक्तों का मानना है कि बाबा का कंबल उस सैनिक को गोलियों से बचाने का माध्यम बना। इस घटना को रिचर्ड एलपर्ट (रामदास) ने अपनी किताब मिरेकल ऑफ लव में “बुलेटप्रूफ कंबल” के नाम से दर्ज किया है।

2. पानी को घी में बदलने का चमत्कार

कैंची धाम में एक बार भंडारे का आयोजन था, जिसमें भारी संख्या में भक्त शामिल हुए। भोजन तैयार करने के लिए घी की कमी हो गई। जब भक्तों ने बाबा को यह समस्या बताई, तो उन्होंने शांत भाव से कहा, “चिंता मत करो, पास की गंगा नदी से दो कनस्तर पानी लाओ।” भक्तों ने वैसा ही किया। जब वह पानी भोजन में डाला गया, तो वह चमत्कारिक रूप से घी में बदल गया, और भंडारा सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह चमत्कार बाबा की दैवीय शक्ति का एक और उदाहरण है।

3. मृत महिला को पुनर्जनन

एक बार अनूपशहर में मोतीराम नामक एक भक्त ने अपनी मृत बेटी को जीवित करने की प्रार्थना की। वह मौनी बाबा के पास गए, जिन्होंने उन्हें बताया कि केवल नीम करोली बाबा ही ऐसा चमत्कार कर सकते हैं। मोतीराम ने बाबा का ध्यान किया, और उसी समय बाबा वहाँ प्रकट हुए। उन्होंने चंद्र शेखर पांडे की पत्नी, जो मृत घोषित हो चुकी थी, को अंगूर का रस और दूध पिलाने को कहा। कुछ ही क्षणों में महिला की नाड़ी चलने लगी, और वह पूरी तरह स्वस्थ हो गई। बाद में पता चला कि बाबा उस महिला से बचपन में मिल चुके थे।

4. हनुमानजी की सिद्धियाँ

नीम करोली बाबा को हनुमानजी का परम भक्त माना जाता था, और कहा जाता है कि उन्होंने हनुमानजी की उपासना से कई सिद्धियाँ प्राप्त की थीं। वह भक्तों की समस्याओं को तुरंत समझ लेते थे और बिना कुछ कहे उनकी मदद करते थे। उनके भक्तों का मानना है कि बाबा समय और स्थान की सीमाओं से परे थे।

नीम करोली बाबा की शिक्षाएँ

नीम करोली बाबा की शिक्षाएँ सरल लेकिन गहरी थीं। वह प्रेम, सेवा और भक्ति को जीवन का आधार मानते थे। यहाँ उनकी कुछ प्रमुख शिक्षाएँ हैं:

  1. सबमें ईश्वर का दर्शन करें: बाबा कहते थे, “हर चीज में ईश्वर को देखना अच्छा है, बजाय उसे हर चीज में खोजने के।” वह सभी जीवों में ईश्वर का अंश देखने की सलाह देते थे।
  2. प्रेम सबसे शक्तिशाली है: बाबा के अनुसार, प्रेम बिजली से भी अधिक शक्तिशाली है। वह कहते थे, “जैसे प्रेम ईश्वर से करते हैं, वैसा ही प्रेम सभी लोगों से करो।”
  3. गोपनीयता बनाए रखें: बाबा सलाह देते थे कि अपनी कमजोरियाँ, कमाई और दान-पुण्य के बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए। इससे व्यक्ति की गरिमा बनी रहती है।
  4. सेवा और भक्ति: बाबा भक्तों को हनुमानजी की तरह निःस्वार्थ सेवा करने की प्रेरणा देते थे। वह कहते थे कि सच्ची भक्ति में कोई स्वार्थ नहीं होता।

कैंची धाम: नीम करोली बाबा का प्रमुख आश्रम

कैंची धाम, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित, नीम करोली बाबा का सबसे प्रसिद्ध आश्रम है। 1961 में स्थापित इस आश्रम में हर साल 15 जून को स्थापना दिवस पर भव्य मेला और भंडारा आयोजित होता है। यहाँ भक्त शुद्ध शाकाहारी भोजन और प्रार्थना सभाओं में भाग लेते हैं। कैंची धाम की शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा भक्तों को आकर्षित करती है।

बाबा के अन्य आश्रम वृंदावन, ऋषिकेश, लखनऊ, शिमला, और यहाँ तक कि अमेरिका के न्यू मैक्सिको में भी हैं। उनके आश्रमों में हनुमानजी के मंदिर और सादगीपूर्ण वातावरण भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं।

नीम करोली बाबा के प्रसिद्ध भक्त

नीम करोली बाबा के भक्तों में कई जानी-मानी हस्तियाँ शामिल हैं:

  • स्टीव जॉब्स: एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 में कैंची धाम आए थे। हालाँकि बाबा का निधन हो चुका था, लेकिन उनके आश्रम की यात्रा ने स्टीव को गहरी प्रेरणा दी।
  • मार्क ज़करबर्ग: फेसबुक के संस्थापक ने कैंची धाम की यात्रा की और कहा कि यहाँ के अनुभव ने उन्हें नए विचार दिए।
  • विराट कोहली: भारतीय क्रिकेटर और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा भी बाबा के भक्त हैं और कैंची धाम की यात्रा कर चुके हैं।
  • जूलिया रॉबर्ट्स: हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स ने बाबा की तस्वीर से प्रेरित होकर हिंदू धर्म अपनाया।

नीम करोली बाबा का शरीर त्याग

11 सितंबर 1973 को नीम करोली बाबा ने वृंदावन में अपने शरीर का त्याग किया। उनके निधन के बाद भी उनके भक्तों की संख्या बढ़ती गई। आज उनके आश्रमों में लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं।

नीम करोली बाबा की विरासत

नीम करोली बाबा की शिक्षाएँ और चमत्कार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। उनकी किताब मिरेकल ऑफ लव और अन्य भक्तों द्वारा लिखी गई पुस्तकें उनके जीवन और चमत्कारों को जीवंत रखती हैं। बाबा का जीवन इस बात का उदाहरण है कि सादगी और प्रेम से दुनिया को बदला जा सकता है।

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