लेंसकार्ट (Lenskart) भारत की सबसे तेजी से बढ़ती ई-कॉमर्स और रिटेल कंपनियों में से एक है, जिसने चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस उद्योग में क्रांति ला दी है। 2010 में स्थापित, लेंसकार्ट आज 100 से अधिक शहरों में 2500 से ज्यादा स्टोर्स और वैश्विक स्तर पर 500 स्टोर्स के साथ एक यूनिकॉर्न स्टार्टअप है। इसकी सफलता की कहानी नवाचार, ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण, और डिजिटल मार्केटिंग की ताकत का प्रतीक है। इस ब्लॉग में, हम लेंसकार्ट की स्थापना, इसके बिजनेस मॉडल, मार्केटिंग रणनीतियों, और 2025 में इसकी उपलब्धियों पर गहन जानकारी देंगे।
लेंसकार्ट की शुरुआत
लेंसकार्ट की स्थापना 2010 में पियूष बंसल, अमित चौधरी, और सुमीत कपाही ने की थी, जो तीनों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के स्नातक हैं। उस समय, भारत में चश्मा उद्योग मुख्य रूप से ऑफलाइन स्टोर्स पर निर्भर था, और ऑनलाइन चश्मा खरीदना एक नया विचार था। पियूष बंसल ने देखा कि भारत में लगभग 60-70 करोड़ लोगों को चश्मे की जरूरत थी, लेकिन केवल एक-चौथाई लोग ही इसे वहन कर पाते थे। इस समस्या को हल करने के लिए, उन्होंने किफायती और गुणवत्तापूर्ण चश्मों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने का विचार रखा।
लेंसकार्ट ने शुरू में एक ऑनलाइन पोर्टल के रूप में शुरुआत की, जो प्रिस्क्रिप्शन चश्मे, सनग्लासेस, और कॉन्टैक्ट लेंस प्रदान करता था। कंपनी ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए “होम ट्राय-ऑन” सेवा शुरू की, जिसके तहत ग्राहक अपने घर पर चार फ्रेम्स आजमा सकते थे। यह अनूठा दृष्टिकोण लेंसकार्ट की सफलता का आधार बना।
लेंसकार्ट का बिजनेस मॉडल
लेंसकार्ट का बिजनेस मॉडल “वन-बाय-वन” अवधारणा पर आधारित है, जिसमें प्रत्येक ग्राहक को व्यक्तिगत रूप से सेवा दी जाती है। कंपनी ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों चैनलों को एकीकृत करके एक ओमनी-चैनल रणनीति अपनाई।
प्रमुख विशेषताएं:
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: लेंसकार्ट की वेबसाइट और मोबाइल ऐप SEO-अनुकूल और मोबाइल-फर्स्ट हैं, जो 18 लाख मासिक विजिटर्स को आकर्षित करते हैं। वेबसाइट पर 3000 से अधिक कीवर्ड्स ऑप्टिमाइज्ड हैं, और 61% ट्रैफिक ऑर्गेनिक है।
- ऑफलाइन स्टोर्स: 2025 में, लेंसकार्ट के भारत में 2500 स्टोर्स और वैश्विक स्तर पर 500 स्टोर्स हैं, जो जापान, सिंगापुर, मध्य पूर्व, और चीन जैसे बाजारों में फैले हैं।
- होम ट्राय-ऑन और आई चेकअप: लेंसकार्ट ने “बाइक आई चेकअप” जैसी सेवाएं शुरू कीं, जहां ग्राहकों के घर पर रेटिनोस्कोपी और लेंसमीटर जैसे उपकरणों के साथ आंखों की जांच की जाती है।
- उत्पादन: लेंसकार्ट ने नोएडा में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट “I-Care” स्थापित की, जो फ्रेम्स और लेंस बनाती है। इससे लागत कम हुई और गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार हुआ।
राजस्व मॉडल:
लेंसकार्ट का राजस्व ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री, कॉन्टैक्ट लेंस, और प्रीमियम ब्रांड्स जैसे Ray-Ban और John Jacobs से आता है। 2024 में, कंपनी ने ₹5427 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जिसमें भारत से ₹3154 करोड़ (58%) और वैश्विक बाजारों से ₹2273 करोड़ (42%) शामिल थे।
लेंसकार्ट की मार्केटिंग रणनीति
लेंसकार्ट की सफलता का एक बड़ा हिस्सा इसकी मजबूत डिजिटल मार्केटिंग रणनीति को जाता है। कंपनी ने SEO, सोशल मीडिया, और कंटेंट मार्केटिंग का प्रभावी उपयोग किया है।
- SEO और वेबसाइट ऑप्टिमाइजेशन:
- लेंसकार्ट की वेबसाइट मोबाइल-फर्स्ट और SEO-अनुकूल है, जिसमें 54 टेक्नोलॉजीज जैसे एनालिटिक्स, पेमेंट सिस्टम, और कनवर्जन टूल्स का उपयोग किया गया है।
- कंपनी ने 3000 से अधिक कीवर्ड्स जैसे “चश्मा”, “सनग्लासेस”, और “कॉन्टैक्ट लेंस” को ऑप्टिमाइज किया, जिससे 61% ऑर्गेनिक ट्रैफिक प्राप्त होता है।
- साइट पर स्पष्ट CTA (Call-to-Action) बटन और यूजर-फ्रेंडली नेविगेशन ग्राहकों को खरीदारी के लिए प्रेरित करते हैं।
- सोशल मीडिया और कंटेंट मार्केटिंग:
- लेंसकार्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Instagram, YouTube, और Facebook पर प्रभावी अभियान चलाए। उदाहरण के लिए, “लेंसकार्ट रिवैंप” कैंपेन ने ट्विटर पर 6000+ ट्वीट्स प्राप्त किए।
- कंपनी ने 7-एपिसोड की एक कैंपेन शुरू की, जिसमें समुदाय की कहानियों को दर्शाया गया, जिसने ब्रांड की प्रामाणिकता को बढ़ाया।
- कैटरीना कैफ और भुवन बाम जैसे सेलिब्रिटी ब्रांड एंबेसडर ने युवा ग्राहकों को आकर्षित किया।
- ईमेल और SMS मार्केटिंग:
- लेंसकार्ट नियमित रूप से ऑप्टिमाइज्ड SMS और ईमेल कैंपेन चलाता है, जो रिटारगेटिंग और कनवर्जन में मदद करता है।
- 2014 में, कंपनी को “मार्केटिंग शेरपा ईमेल अवार्ड्स” में “ऑनरेबल मेंशन” मिला।
- कस्टमर सपोर्ट ऑटोमेशन:
- लेंसकार्ट ने MyOperator के साथ मिलकर 580 स्टोर्स के लिए वर्चुअल नंबर और एक टोल-फ्री नंबर लागू किया। इससे ग्राहकों को उनके नजदीकी स्टोर से जोड़ा जाता है, और कॉल रिकॉर्डिंग और ट्रैकिंग की सुविधा मिलती है।
- मिस्ड कॉल सॉल्यूशन और IVR सिस्टम ने ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाया।
लेंसकार्ट की उपलब्धियां
- वित्तीय प्रदर्शन: 2024 में, लेंसकार्ट ने ₹5427 करोड़ का राजस्व और केवल ₹10 करोड़ का नुकसान दर्ज किया, जो इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।
- फंडिंग: कंपनी ने पिछले 18 महीनों में लगभग 1 बिलियन डॉलर जुटाए, जिसमें रतन टाटा, सिकोइया कैपिटल, और सॉफ्टबैंक जैसे निवेशक शामिल हैं।
- वैश्विक विस्तार: जापान, सिंगापुर, मध्य पूर्व, और चीन में 500 स्टोर्स के साथ, लेंसकार्ट एक वैश्विक ब्रांड बन चुका है।
- नवाचार: “लेंसकार्ट ब्लू” (UV प्रोटेक्शन) और “एयरफ्लेक्स” (हल्के और अटूट फ्रेम्स) जैसे उत्पादों ने बाजार में नई मिसाल कायम की।
- ग्राहक आधार: 5 करोड़ से अधिक संतुष्ट ग्राहक और 1 लाख मासिक ग्राहक।
चुनौतियां और समाधान
- चुनौती: शुरुआत में आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता और रिटर्न की समस्या।
- समाधान: नोएडा में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की, जिससे लागत और गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार हुआ।
- चुनौती: उच्च कॉल वॉल्यूम और ग्राहक सपोर्ट।
- समाधान: MyOperator के साथ ऑटोमेशन और वर्चुअल नंबर सिस्टम लागू किया।
- चुनौती: प्रतिस्पर्धा (Amazon, Flipkart)।
- समाधान: नीश मार्केट (चश्मा) पर ध्यान और ओमनी-चैनल रणनीति।
निष्कर्ष
लेंसकार्ट की सफलता की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे नवाचार, ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण, और डिजिटल मार्केटिंग की शक्ति से एक स्टार्टअप वैश्विक ब्रांड बन सकता है। पियूष बंसल और उनकी टीम ने किफायती और गुणवत्तापूर्ण चश्मों को हर भारतीय तक पहुंचाने का सपना देखा और उसे हकीकत में बदला। 2025 में, लेंसकार्ट न केवल भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन चश्मा रिटेलर है, बल्कि एक वैश्विक पावरहाउस भी है। क्या आप भी एक स्टार्टअप शुरू करने की सोच रहे हैं? नीचे कमेंट करें और अपने विचार साझा करें! हमारे ब्लॉग को फॉलो करें और उद्यमिता की दुनिया में प्रेरणा पाएं।
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