Advertisement

Fourth Wave of COVID and New Variant: कोरोना की चौथी लहर और नए वैरिएंट – मौजूदा वैक्सीन बेअसर, 1326 एक्टिव केस

कोरोना वायरस एक बार फिर चर्चा में है। हाल के दिनों में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि नए वैरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 के कारण भारत में कोरोना की चौथी लहर की आशंका बढ़ रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह लहर 28 दिनों तक सक्रिय रह सकती है, और मौजूदा वैक्सीन इन नए वैरिएंट्स पर प्रभावी नहीं हो सकती। देश में वर्तमान में 1326 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। इस लेख में हम इस विषय पर गहराई से चर्चा करेंगे, नए वैरिएंट्स के लक्षण, प्रभाव, और बचाव के उपायों को समझेंगे।

नए वैरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7: क्या है खास?

कोरोना वायरस की प्रकृति ऐसी है कि यह समय-समय पर म्यूटेट होता रहता है, जिसके परिणामस्वरूप नए वैरिएंट्स सामने आते हैं। हाल ही में, NB.1.8.1 और LF.7 वैरिएंट्स ने विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 को “वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग” के रूप में वर्गीकृत किया है, जो इसकी संक्रामकता और खतरनाक प्रकृति को दर्शाता है।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • उच्च संक्रामकता: ये वैरिएंट्स पिछले वैरिएंट्स जैसे JN.1 की तुलना में अधिक तेजी से फैलते हैं। इनके स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन (जैसे A435S, V445H, और T478I) इन्हें और संक्रामक बनाते हैं।
  • वैक्सीन की प्रभावशीलता पर सवाल: विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा वैक्सीन, जैसे कोविशील्ड और कोवैक्सिन, इन वैरिएंट्स के खिलाफ पूरी तरह प्रभावी नहीं हैं। इसका कारण है कि ये वैरिएंट्स शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में सक्षम हैं।
  • लक्षण: नए वैरिएंट्स के लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, थकान, और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह फ्लू जैसा हो सकता है और दूसरी लहर की तरह जानलेवा नहीं है।

क्या है चौथी लहर की आशंका?

हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 27 मई 2025 तक कुल 1326 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश मामले केरल, कर्नाटक, और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से सामने आए हैं। BHU और IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि यदि चौथी लहर आती है, तो यह लगभग 28 दिनों तक सक्रिय रह सकती है। हालांकि, यह लहर दूसरी लहर जितनी घातक नहीं होगी, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।

आंकड़ों का विश्लेषण:

  • केस में वृद्धि: 19 मई 2025 से अब तक 753 नए मामले सामने आए हैं, जो दर्शाता है कि वायरस तेजी से फैल रहा है।
  • मृत्यु दर: हाल के दिनों में 14 लोगों की मौत दर्ज की गई है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
  • राज्यवार स्थिति: केरल में 430 एक्टिव केस हैं, जबकि कर्नाटक में 38 और अन्य राज्यों में भी मामले बढ़ रहे हैं।

मौजूदा वैक्सीन क्यों है बेअसर?

विशेषज्ञों के अनुसार, NB.1.8.1 और LF.7 वैरिएंट्स में मौजूद म्यूटेशन वैक्सीन द्वारा उत्पन्न एंटीबॉडीज को बायपास कर सकते हैं। इसका मतलब है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की डोज या बूस्टर शॉट लिया है, वे भी संक्रमित हो सकते हैं। येल मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार, समय के साथ शरीर की इम्युनिटी कमजोर होने के कारण भी ये वैरिएंट्स अधिक प्रभावी हो रहे हैं।

वैक्सीन की स्थिति:

  • वैक्सीन की वापसी: एस्ट्राजेनेका ने अपनी वैक्सीन वैक्सजेवरिया को बाजार से वापस लेने की घोषणा की है, जिससे वैक्सीन की उपलब्धता और प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं।
  • बूस्टर शॉट की जरूरत: कुछ विशेषज्ञों का सुझाव है कि नए वैरिएंट्स के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए बूस्टर शॉट्स की आवश्यकता हो सकती है।

चौथी लहर से बचाव के उपाय

हालांकि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:

  1. मास्क का उपयोग: सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य है, खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर।
  2. हाथों की स्वच्छता: नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं या सैनिटाइजर का उपयोग करें।
  3. सामाजिक दूरी: भीड़ वाली जगहों से बचें और सामाजिक दूरी बनाए रखें।
  4. लक्षणों की निगरानी: यदि आपको बुखार, खांसी, या सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत कोविड टेस्ट करवाएँ और चिकित्सक से संपर्क करें।
  5. स्वास्थ्य सलाह का पालन: स्वास्थ्य मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

BHU के प्रोफेसर और IIT कानपुर के विशेषज्ञों का कहना है कि नया वैरिएंट फ्लू जैसा हो सकता है और दूसरी लहर की तरह व्यापक तबाही नहीं मचाएगा। फिर भी, सतर्कता बरतना जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी लोगों से घबराने के बजाय कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करने की अपील की है।

विशेषज्ञों की सलाह:

  • टेस्टिंग बढ़ाएँ: खांसी, बुखार, या अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट करवाएँ।
  • जागरूकता: नए वैरिएंट्स के बारे में जानकारी रखें और अफवाहों से बचें।
  • स्वास्थ्य सुविधाएँ: अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को तैयार रहने की जरूरत है।

निष्कर्ष

कोरोना की चौथी लहर की आशंका और नए वैरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 ने एक बार फिर स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम जनता को सतर्क कर दिया है। 1326 एक्टिव केस और 28 दिनों तक सक्रिय रहने वाली संभावित लहर के बीच, सावधानी और जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। मौजूदा वैक्सीन की सीमित प्रभावशीलता के बावजूद, मास्क, सामाजिक दूरी, और नियमित टेस्टिंग जैसे उपाय हमें सुरक्षित रख सकते हैं।

इस स्थिति में घबराने की बजाय सूचित रहें और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करें। क्या आपके पास इस विषय पर कोई सवाल या अनुभव है? नीचे कमेंट करें और इस लेख को शेयर करें ताकि अधिक लोग जागरूक हो सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!