कृष्ण गीत, जिन्हें आमतौर पर “कृष्ण भक्ति गीत” या “कृष्ण भजन” कहा जाता है, वे भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित भक्ति भरे गीत हैं जो उनकी लीलाओं, प्रेम, और दिव्यता का गुणगान करते हैं। ये गीत हिंदी, भोजपुरी, अवधी, ब्रजभाषा जैसी विभिन्न भाषाओं में गाए जाते हैं और भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं। इन गीतों में श्रीकृष्ण के बाल-रूप, राधा-कृष्ण के प्रेम, गोपियों के साथ रासलीला, या उनके दार्शनिक उपदेशों (जैसे भगवद् गीता) का वर्णन होता है। ये गीत भक्ति रस से भरे होते हैं और अक्सर मंदिरों, भक्ति समारोहों, या उत्सवों जैसे जन्माष्टमी, होली आदि में गाए जाते हैं।
कृष्ण गीत के कुछ उदाहरण:
- “अच्चुतम केशवम कृष्ण दामोदरम” – यह एक प्रसिद्ध भजन है जिसमें कृष्ण के विभिन्न नामों और गुणों का वर्णन है।
- “श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी” – यह भजन भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है और कृष्ण की महिमा का बखान करता है।
- “मैं तो बरसाने से आई हूँ, राधा जी की जय” – यह गीत राधा-कृष्ण के प्रेम और ब्रज की मिट्टी की महिमा को दर्शाता है।
- “हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे” – यह महामंत्र भक्ति और ध्यान के लिए गाया जाता है।
प्रस्तुति: यह भक्ति गीत श्री कृष्ण की भक्ति में समर्पित है, जो आत्मा को शांति और ईश्वर के प्रति प्रेम से भर देता है।
भक्ति गीत: मुरली मनोहर के नाम
मुरली मनोहर, नटवर नंदन,
चरणों में तेरे, मेरा जीवन बंधन।
राधा के संग, तू रास रचाए,
कृष्ण कन्हैया, मन को लुभाए।
पहला अंतरा
गोकुल की गलियों में, तू माखन चुराए,
वृंदावन में, गोपियों को नचाए।
तेरी लीलाएँ, मन को हर ले,
कृष्ण मुरारी, तुझ में मन डूबे।
राग: भैरवी, ताल: कहरवा
दूसरा अंतरा
यमुना तट पर, तू बंसी बजाए,
सब प्राणियों का, मन तुझ में समाए।
तेरी एक झलक, पाप धो डाले,
कृष्ण कृपालु, भवसागर तारे।
तीसरा अंतरा
जो भी शरण में, तेरे पास आए,
कृष्ण कन्हैया, तू कृपा लुटाए।
तेरे चरणों में, बस प्रेम बरसे,
भक्ति के रंग में, मन रंग डरसे।
भक्ति गीत क्या हैं?
भक्ति गीत वे भक्ति भरे गाने हैं जो ईश्वर के प्रति प्रेम, समर्पण और श्रद्धा को व्यक्त करते हैं। ये गीत विभिन्न देवी-देवताओं जैसे श्री राम, श्री कृष्ण, माता दुर्गा, शिव जी, और अन्य की भक्ति में गाए जाते हैं। इन गीतों में आध्यात्मिकता, भक्ति और जीवन के नैतिक मूल्यों का समावेश होता है। भक्ति गीतों की विशेषता यह है कि ये सरल शब्दों में गहरे भावनात्मक और आध्यात्मिक संदेश को व्यक्त करते हैं।
भक्ति गीतों का महत्व
- आध्यात्मिक जुड़ाव: भक्ति गीत मन को शांत करते हैं और व्यक्ति को ईश्वर के करीब लाते हैं। ये गीत ध्यान और प्रार्थना का एक रूप हैं।
- सांस्कृतिक धरोहर: भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को जीवित रखने में भक्ति गीत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- भावनात्मक संतुलन: इन गीतों की मधुर धुनें तनाव को कम करती हैं और मानसिक शांति प्रदान करती हैं।
- सामाजिक एकता: भक्ति गीत विभिन्न समुदायों को एक साथ लाते हैं, खासकर भजन संध्या और धार्मिक आयोजनों में।
भक्ति गीतों का इतिहास
भक्ति गीतों की जड़ें प्राचीन भारत में मिलती हैं। भक्ति आंदोलन, जो मध्यकाल (7वीं से 17वीं शताब्दी) में अपने चरम पर था, ने भक्ति गीतों को लोकप्रिय बनाया। इस आंदोलन के प्रमुख संतों जैसे मीराबाई, तुलसीदास, सूरदास, कबीर, और नानक ने अपनी रचनाओं के माध्यम से भक्ति गीतों को नया आयाम दिया।
- मीराबाई: भगवान कृष्ण की भक्त मीराबाई के भक्ति भजन आज भी लोगों के दिलों को छूते हैं। उनके गीतों में प्रेम और समर्पण की गहरी भावना झलकती है।
- तुलसीदास: “रामचरितमानस” के रचयिता तुलसीदास ने भगवान राम की भक्ति में कई भजन लिखे, जो आज भी गाए जाते हैं।
- सूरदास: कृष्ण भक्ति के लिए प्रसिद्ध सूरदास ने अपनी कविताओं और भजनों में भगवान कृष्ण के बाल रूप और लीलाओं का वर्णन किया।
- कबीर: कबीर के दोहे और भजन निर्गुण भक्ति के प्रतीक हैं, जो ईश्वर को बिना रूप के देखने की प्रेरणा देते हैं।
आधुनिक समय में भक्ति गीत
आज के डिजिटल युग में भक्ति गीतों ने नया रूप ले लिया है। यूट्यूब, स्पॉटिफाई और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भक्ति गीतों की लोकप्रियता बढ़ रही है। आधुनिक संगीतकार और गायक जैसे अनूप जलोटा, जगजीत सिंह, और शंकर महादेवन ने भक्ति गीतों को समकालीन संगीत के साथ जोड़ा है। इसके अलावा, बॉलीवुड फिल्मों में भी भक्ति गीतों का समावेश देखने को मिलता है, जैसे “कृष्ण भजन” और “शिव तांडव स्तोत्र”।
आइए, श्री कृष्ण की भक्ति में डूबें और इस गीत को गाकर आत्मा को शांति दें। कमेंट में अपनी भक्ति भावनाएँ साझा करें और इसे अपने प्रियजनों तक पहुँचाएँ।
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